शादी से एक दिन पहले गर्लफ्रेंड की चूत ली

कुछ सालों पहले मेरे एक दोस्त ने मुझे इस वेबसाइट के बारे में बताया था, तब से मैं रोज यहाँ की मस्त मस्त कहानियां पढता हूँ और मजे लेता हूँ। मैं अपने दूसरे दोस्तों को भी इसे पढने को कहता हूँ। पर दोस्तों, आज मै babysexstory.ब्लॉगस्पॉट.com स्टोरी पढ़ने नही, स्टोरी सुनाने हाजिर हुआ हूँ। आशा करता हूँ की यह कहानी सभी पाठकों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी सच्ची कहानी है।
मैं सुल्तानपुर में का रहने वाला हूँ। पिछले ५ सालों से मेरा मासूमी शुक्ला से अफेयर चल रहा है। मैं उसको सैकड़ो बार चोद चुका हूँ, बड़ा करारा माल है मासूमी। वो बहुत गोरी और सुंदर है। २३ साल की एक जवान,आकर्षक नवयौवना है। उसका जिस्म बहुत ही छरहरा और सेक्सी है। बदन की खाल तो इतनी गोरी और मुलायम है की स्वर्ग की अफ़सराये भी उससे शर्मा जाए। उसके ओठ, मम्मे, रेशमी काले बाल, उसकी छरहरी कमर और चूत सब कुछ बहुत मस्त है। मासूमि को सेक्स करना बहुत पसंद है और वो मुझसे रोज चुदवाती है। मासूमी और मेरा प्रेम सम्बन्ध बहुत मस्त चला, पर अब वो २३ साल की हो गयी थी और उसके पापा को उसकी शादी की टेंसन होने लगी थी। उसने मुझे बताया की उसके पापा उसके हाथ पीले करना चाहते है।

मैं एक दिन उसके साथ हमारे घर के पास ही एक मन्दिर में बैठा था। सुल्तानपुर में यही फैशन था की प्रेमी जोड़े मन्दिरों में आकर इश्क लड़ाते थे, क्यूंकि प्यार तो उपर वाले की देन होती है। आज फिर से मेरा मासूमी को चोदने का बड़ा दिल कर रहा था। रात में बारिश हुई थी, इसलिए आज गर्मी कम हो गयी थी। मौसम बहुत ठंडा और सेक्सी था और आसमान में काले बादल छाए हुए थे। मन्दिर के पीछे बहुत ही सीमेंट की बेंच बनी हुई थी, जिसमे कई प्रेमी जोड़े साथ बैठे हुए थे। सभी अपनी अपनी माल को बाहों में भरकर रसीले होठ चूस रहे थे। मैंने अपनी सामान मासूमी को भी बाँहों में भर रखा था। मौसम ठंडा था, मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था, दिल कर रहा था की अगर ये मन्दिर ना होता तो अपनी माल को यही गिराकर चोद लेता। पर मासूमी आज टेंशन में दिख रही थी।

“ओमी !…..मेरे पापा मेरी शादी करना चाहते है, अगले हफ्ते मुझे देखने लड़के वाले आने वाले है!!” मासूमी ने बताया

“क्या….????” मैंने ह्थप्रथ था

पिछले ५ सालों से मैं मासूमी को चोद रहा था, खा पी रहा था, अगर इसकी शादी हो गयी तो मुझे चूत कौन देगा, मैं सोचने लगा। इसके साथ ही मैं उससे सच्चा प्यार भी करने लगा था।

“ओमी, तुम पापा से बात करो ना, मेरा हाथ मांगो!!” मासूमी बोली

अगले ही दिन मैं उसके बाप से मिलने लगा। मासूमी का बाप शराब के ठेके चलाता था, होलसेल सप्लायर था। मैंने उसके बाप से कहा की मैं भी उसकी तरह ब्राह्मण हूँ और उसकी लड़की से शादी करना चाहता हूँ,पर ये सुनकर बुड्ढा भड़क गया और पूछने लगा की मैं कितना कमाता हूँ। मैं कहा की अभी तो पढ़ ही रहा हूँ। फिर उसने मेरे पापा और धन दौलत और जमींन जायजात के बारे में पूछा। मैं मासूमी की तुलना में काफी गरीब था। और बात यही फस गयी।

“तुम मुझसे बहुत गरीब हो, एक गरीब घर में मैं अपनी लड़की की शादी नही कर सकता!!” मासूमी का बाप मुझसे बोला और उसने शादी करने से मना कर दिया। मैं ये सुनकर घर चला आया। मैंने मासूमी को बताया की उसके पापा ने शादी से मना कर दिया। ये बात सुनकर वो बड़ी दुखी हुई, क्यूंकि वो मुझसे सच्चा प्यार करने लगी थी।

“अब क्या करे???” मासूमी बोली

“….जितने दिन बचे है हम दोनों को मजे ले लेना चाहिए!” मैंने कहा

वो मेरी बात से सहमत थी। मैं उसको अपने घर ले आया। मेरे घर में सिर्फ मम्मी थी, जो जादा किसी बात पर ध्यान नही देती थी। वो बहुत बुड्ढी थी और उनको साफ साफ दिखता भी नही था। मम्मी को मोतियाबिंद भी था। जब मैं मासूमी को लेकर घर पंहुचा तो मम्मी समझी की मेरा कोई दोस्त आया है। वो जान नही पायी की ये मासूमी थी। मैंने उसको बोलने से मना कर दिया, जिससे मम्मी समझे की मेरा कोई दोस्त आया है। मासूमी मेरे कमरे में आ गयी और मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। मैंने मासूमी को कसकर पकड़ लिया और बिस्तर पर लिटा दिया। हम दोनों आपस में किस करने लगे। मैं उसके होठ पीने लगा। सच में मेरी माल बहुत गजब का सामान थी। इसकी शादी हो जाए और ये अपने पति से चुदवाए,इससे पहले मुझे इसको जी भर के चोद खा लेना चाहिए, मैंने सोचा।

हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे और मजा मारने लगे। मैंने मासूमी का गुलाबी रंग का सलवार सूट निकाल दिया, फिर उसकी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी। फिर मैंने अपनी जींस टी शर्ट उतार दी और पूरी तरह से नंगा हो गया। दोस्तों, मेरी माल मासूमी बहुत ही गजब की माल थी, उसके नंगे जिस्म को देखकर ही मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता था। सच में वो बड़ी खूबसूरत माल थी। उसका एक एक अंग बहुत हसीन था। मैं उसके उपर लेट गया और उसके होठ पीने लगा। फिर मैं उसके सफ़ेद बड़े बड़े चुच्चो पर आ गया। ५ साल पहले उसके दूध बहुत छोटे हुआ करते थे, पर मैं ही रोज दबा दबाकर उसको लेता था, इसी वजह से उसके मम्मे बहुत बड़े हो गये थे। आज हम दोनों कसकर चुदाई करने वाले थे, क्यूंकि कुछ दिन बाद मासूमी की शादी पक्की होने वाली थी।

मैं उसके दूध मुंह में भरकर पीने और चूसने लगा। हर बार की तरह इस बार भी उसके मम्मे बहुत सुंदर थे। मैं तेज तेज मुंह में भरकर अपनी सामान (मासूमी) की चूची पीने लगा था। मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया था और मासूमी की चूत मारने को बेक़रार था। मैं हपर हपर करके लपर लपर करके उसकी नुकीली नारियल जैसी दिखने वाली बेहद कमसिन चूचियों को मुँह में भरके पी रहा था। मासूमि के दूध इतने मुलायम मक्खन की तरह थे की मेरा दांत उसमे अपने आप गड़ जाते थे और निशान बन जाते थे।

“ओमी… मुझे चोद लो, मेरे मम्मे पी लो मगर भगवान के लिए…अपने दांत मेरे बूब्स पर मत गडाओ,वरना मैं अपने होने वाले पति को क्या जवाब दूंगी” मासूमि अपनी आँखें बंद किये ही बोली। मैं इस बात से सहमत था, इसलिए मैंने दांत गड़ाना बंद कर दिया। धीमे धीमे आराम आराम से मैं उसके दूध पीने और चूसने लगा। उसे हल्का हल्का दर्द हो रहा था, उतेज्जना भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था. ‘ओमी …. आराम से मेरे नारियल चूसो!! आराम से मेरे जानम’ मासूमी बोली।

मेरा बस चलता तो मैं उसकी छातियाँ खा ही लेता। फिर मैं उसकी रसीली छातियों को अपने हाथों से जोर जोर से दबाने लगा और निपल्स पर अपनी जीभ फेरने लगा और पीने लगा। दोस्तों, बड़ी देर तक यही खेल चलता रहा। मेरी गर्लफ्रेंड सच में कमाल की जिस्म की मलिका थी। मैंने बड़ी देर तक उसकी नर्म नर्म छातियों का मदिरापान किया और सेक्स के नशे में आ गया। अब मैं उसकी चूत पर आ गया। मेरी नजर मासूमी के नंगे जिस्म पर पड़ी। १ जोड़ी सुंदर पाँव और उनकी गोल मटोल १० मेरा तो माथा ही घूम गया। मैंने सब कुछ छोड़ के उसके खूबसूरत पावों को चूम लिया। उनकी टाँगे बड़ी की चिकनी, चमकदार और गोरी थी

मैंने उसकी दोनों टांगों को बारी बारी कई बार चूमा। मासूमि मुझे रोकने लगी, मैं चूत का भूखा कहाँ रुकनेवाला था। हम दोनों बिस्तर पर गुत्थम गुत्था होने लगे। हजारो बार मैं मासूमि को चोद चुका था, पर हर बार वो शर्म करती थी। मुझे उसका इस तरह से लाज करना बहुत पसंद था। जो लौंडिया शर्माती नही है,दोस्तों उसकी चूत मारने में जरा भी मजा नही आता है। मैंने मासूमि की बुर को एक बार झुककर चूम लिया तो उसके होश उड़ गए। वो शर्म से गड़ी जा रही थी।

“मासूमि!! इतनी शर्म करोगी तो कैसे चुदवाओगी ??” मैंने उसके कान में फुसफुसाकर कामुक अंदाज में कहा। बड़ी मुश्किल से उसने अपने दोनों हाथ हटाये और मुझे घुटने तक पहुचने दिया। उसके घुटने भी दुधिया गोरे रंग के थे। मैंने कुछ देर उसके रूप को निहारा और फिर दोनों घुटनों को चूम लिया। मासूमि की चूत की खुशबू मेरी नाक के नथुनों में आने लगी। “उफ्फ्फफ्फ्फ़….इसी रसीली बुर!!” जब टांगे, टखने, पैर इतने खूबसूरत है तो इन सब अंगों की रानी मासूमी की चूत कैसी होगी?? मैं मन ही मन सोचने लगा। मासूमि की मस्त गदराई जांघो के दर्शन हुए तो लगा की खुदा मिलने वाला है। उसकी जांघे खूब गोल गोल मांसल गदराई हुई थी। उसका सौंदर्य अभूतपूर्व था। भगवान से मेरी माल को बड़ी फुर्सत में बैठकर बनाया था।

फिर मैं उसकी चूत पर आ गया। मेरी गर्लफ्रेंड मासूमी से आज ही सायद अपनी झांटे बनाई थी। बिलकुल चिकनी और साफ चूत थी। चूत बहुत खूबसूरत थी दोस्तों। मैंने उसकी चूत की फांकों को खोल दिया। मैंने ही पिछले ५ सालों में इस बुर को चोद चोदकर फाड़ दिया था। मैंने अपने ओंठ मासूमि की चूत पर रख दिए और लपर लपर करके पीने लगा। क्या मस्त लाल लाल चूत थी। मैं उसके चूत के दाने को अपने अंगूठे से घिसने लगा। इससे मासूमी को बड़ी जोर की चुदास चढ़ने लगी। उसके पुरे बदन में मीठी मीठी तरंगे दौड़ने लगी। मैं जोर जोर से मासूमी के चूत के दाने को घिसने लगा।
“आह आह राजा……आआआआअह्हह्हह… अई…अई…….मेरी चूत को आज अच्छे से पी लो लो लो लो”मासूमी बोली। उसकी बात सुनकर मैं और जादा आनंदित हो गया था। मैंने उसकी जांघो को और कायदे से खोल दिया और उसका भोसड़ा दिल लगाकर पीने लगा। फटी हुई चूत की फांको को देखकर एक ख़ुशी हो रही थी की चलो उसकी शादी से पहले मैंने उसको अच्छे से चोद लिया। इस बात की ख़ुशी थी। मैं अब उसकी चूत के होठो को पी रहा था और किसी कुत्ते की तरह चाट रहा था। मासूमि को बड़ा अच्छा लग रहा था, वो सिसकरी ले रही थी। मेरी खुदरी जीभ उसकी मुलायम और संवेदनशील बुर को तड़पा रही थी। मेरे ऐसी काम क्रीडाये करने से मेरी गर्लफ्रेंड को अजीब सा जुनून और नशा चढ़ रहा था। मैं इस वक़्त उसके साथ मुख मैथुन का आनंद उठा रहा था। मैं उसकी रसीली योनी को आज खा जाने वाला था। मेरी नुकीली जीभ उसकी चूत में अंदर तक घुस रही थी। ऐसा करने से मेरी गर्लफ्रेंड मासूमि कापने लगी और उसने मेरे हाथो को अपने हाथ में ले लिया और कसकर पकड़ लिया।
“ओमी…..मेरे यार, आराम से मेरी बुर पियो वरना मैं मर जाऊँगी!!” मासूमी सेक्स और वासना के नशे में अपनी आँखे बंद करके ही बोली। वो महान पल आ गया जब मैंने अपनी माल की चूत में लंड होले से अंदर सरका दिया। मेरी नजरों में मासूमी ने अपनी नजरें डाल दी। छिनाल को मैं घूरते घूरते ताड़ते ताड़ते पेलने लगा। मैं जोर जोर से अपनी कमर चला चलाकर उसे चोद रहा था। मासूमी को इस तरह आँखों में आँखें डालकर खाने में विशेष मजा और सुख मिल रहा था। मेरा लौड़ा किसी ट्रेन की तरह उसकी चूत की दरार में फिसल रहा था। बहुत अच्छे से चूत मार रहा था। फिर मुझे बड़ी जोर की चुदास चढ़ी। बिजली की तेजी से मैं मासूमी को खाने लगा। इतनी जोर जोर से उसे चोदने लगा की एक समय लगा की कहीं उसकी बुर ही ना फट जाए। मेरे खटर खटर के धक्कों से मेरी गर्लफ्रेंड का पूरा जिस्म काँप गया। उसके चुचे हिलकर थरथराने लगे। मैं बिजली की तरह मासूमी को पेलने लगा। मुझे लगा रहा था की झड़ने वाला हूँ। पर ऐसा नही हुआ। मेरा मोटा सा लौड़ा मेरी सामान के भोसडे में झड़ने का नाम नही ले रहा था।

मैं बहुत देर तक मासूमी को चोदता रहा पर फिर भी नहीं झडा। मैंने लौड़ा झटके से निकाल लिया और उसकी गर्म गर्म जलती चूत को पीने लगा। वाकई ये के शानदार अनुभव था। कुछ देर बाद मासूमी की चूत ठंडी पड़ गयी थी। मेरे लौड़े की खाल पीछे को सरक आई थी। गोल गोल मुड़कर मेरे लौड़े की खाल पीछे आ गयी। मेरा सुपाडा अब गहरे गुलाबी रंग का हो गया था। मेरे लौड़े का रूप ही बदल गया था मासूमी की बुर चोदकर। अब मेरा लौड़ा किसी बड़े उम्र के आदमी वाला लौड़ा दिख रहा था। मैं कुछ देर तक अपना लौड़ा देखता रहा फिर मैंने मासूमी की छोटी सी चूत में डाल दिया। फिर से मैं उसे चोदने लगा। इस बार मैंने बिना रुके उसे काई मिनट तक चोदा क्यूंकि एक बार भी मैं रुकता या आराम करता तो माल उसके भोसड़े में नही गिरता। अनेक अनगिनत धक्को के बीच चट चट की मीठी आवाज के साथ मैं अपनी गर्लफ्रेंड की चूत में शहीद हो गयी। उसके बाद हम दोनों लेटकर किस करने लगे और प्यार करने लगे।

एक बार मासूमी की चूत मैंने मार ली थी। इसी बीच उसके पापा का फोन आ गया और उसे जाना पड़ा। अगले हफ्ते लड़के वाले मासूमी को पसंद कर गये। २ महीने बाद की शादी की तारिक निकली। मैं थोड़ा उदास भी था की जिस माल को रोज जुगाड़ करके चोद लेता था, अब उसकी शादी होने वाली है। मैं तो सिर्फ मासूमी की चूत का प्यासा था, पर शायद वो मुझसे सच्चा प्यार करने लगी थी। हमारी अगली मुलाक़ात राधे रेस्टोरेंट में हुई। मासूमी बहुत रो रही थी और बहुत मोटे मोटे आंसू बहा रही थी।

“ओमी….काश तुम अमीर घर के होते तो पापा मुझसे तुम्हारी शादी करने को जरुर तैयार हो जाते!!” मासूमी रोते हुए बोली

“….तू अगर मुझसे सच्चा प्यार करती है तो बोल तुझे भगा ले चलूँ!!” मैंने कहा पर भागने के लिए मासूमी तैयार नही हुई। क्यूंकि वो अपने घर वालों को, भाई बहनों को बहुत प्यार करती थी। शादी के ठीक एक दिन पहले मासूमी मेरे घर पर आ गयी।
“ओमी….कल मेरी शादी हो जाएगी, इसलिए आज ही तुम मुझे चोदकर मेरे साथ सुहागरात मना लो!!”मासूमी बोली

उसके बाद हम दोनों से अपने अपने कपड़े निकाल दिए। वो आज मुझसे खुद ही चुदवाना चाहती थी, क्यूंकि कल उसकी शादी थी। मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी रसीली चूत मैं चाटने लगा। उसके संगमरमरी पुट्ठों को मैं होठों से चूमता रहा। फिर मैंने पीछे से लंड डालकर उसको २ घंटे चोदा। अब उसकी शादी हो चुकी है। मेरी गर्लफ्रेंड अब मेरे पास नही है, पर उसकी यादे आज भी मेरे दिल में कैद है। कहानी आपको कैसे लगी

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