लन्ड की प्यासी मौसी की चूत का रस पिया

मेरी हिन्दी कामवासना स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने एक रात मौसी को बाथरूम में चूत में उंगली करते देखा. मौसी की चूत चुदाई मांग रही थी. तो मैंने क्या किया?


हाय मेरा नाम पायल है. मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ. यदि सेक्स की बात की जाए, तो मैं स्ट्रेट हूँ. पर एक बार मैंने लेस्बियन सेक्स भी किया था. वो मेरे जीवन का पहला अनुभव था. एक बार लेस्बियन सेक्स करने के बाद कुछ सालों तक यह मेरी आदत बनी रही थी.


मैं यह हिन्दी कामवासना स्टोरी आपके साथ शेयर करना चाहती हूँ और एकदम सच्ची है, जो कि मेरे और मेरी मौसी के साथ हुई थी. मैं और मेरी फैमिली कौशाम्बी में रहती है. मेरे पापा और मेरी मॉम एक ही कंपनी में काम करते हैं. मैं उनकी इकलौती बेटी हूँ. मैं एम बी बी एस कर रही हूँ.


एक समय की बात है मेरे एम बी बी एस का एग्जाम सेंटर गाज़ियाबाद में पड़ा था. मेरी मौसी और मौसाजी की फैमिली वहां रहती थी. मेरा मौसाजी डिफेन्स में थे इसलिए उन्हें डिफेन्स क्वॉर्टर मिला हुआ था. उनकी पोस्टिंग जैसलमेर में थी और वो छुट्टियों पर ही घर आ पाया करते थे. मौसी का एक बेटा भी था … यानि मेरा भाई … जो कि विशाखापत्तनम में बीटेक कर रहा था … वो वहीं रहता है.


क्योंकि मेरे एग्जाम पूरे 15 दिन तक चलने वाले थे और ये ठंड दिन थे. इसलिए मुझसे मेरी मॉम ने कहा कि तुम 15 दिनों के लिए मौसी के पास ही रुक जाओ. रोज आने जाने में दिक्कत होगी.


मैं भी खुश थी कि मौसी के पास रहूंगी और पढ़ भी लूंगी क्योंकि मौसी के यहां केवल उनकी बूढ़ी सास और वो रहती थीं. मुझे उधर पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी.


मैं एग्जाम के दो दिन पहले ही अपनी मौसी के पास गाज़ियाबाद चली गयी.


मौसी ने मेरा खुश होकर स्वागत किया क्योंकि मैं उनसे लगभग एक साल बाद मिल रही थी.


मौसी का क्वॉर्टर 2 कमरे का था. एक रूम में उनकी बूढ़ी सास रहती थीं और दूसरे में मौसी. मौसी ने मुझे अपने साथ अपने रूम में रहने को कहा. मैं मान गयी क्योंकि उनका रूम बड़ा भी था और बेड भी बड़ा था.


मैं दिन भर पढ़ती रही और फिर शाम को हम खाना खा कर अपने रूम में आ गए. मैं कम्बल में घुस कर लेट गयी. मौसी सारा काम निपटा कर रूम में आईं और उन्होंने कमरे का डोर लॉक कर लिया.


वो साड़ी पहने हुई थीं और उन्हें कपड़े चेंज करके सोने की आदत थी.

मौसी मेरे सामने ही अपनी साड़ी खोलने लगीं. वो मुझसे बातें भी कर रही थीं.


मौसी ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई थीं. क्योंकि मैं एक लड़की थी, इसलिए उन्हें मेरे सामने ही चेंज करने में कोई हिचकिचाहट नहीं थी. उन्होंने फिर अपना ब्लाउज भी उतार दिया और अगली हरकत में पेटीकोट भी निकाल दिया.


अब मेरी मौसी मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में थीं.


मैं कसम से बता रही हूँ कि मुझे मौसी उस दिन इतनी मस्त माल लग रही थीं कि पूछो मत. मुझे ऐसा लग रहा था कि यदि मैं लड़का होती, तो मेरा लंड खड़ा हो जाता. फिर भी मैंने महसूस किया कि उनकी मदमस्त जवानी देख कर मेरी चूत गीली हो चुकी थी.


मौसी ने ब्रा पैंटी के ऊपर नाइटी पहनी और मेरे साथ मेरे कम्बल में सोने आ गईं.


फिर हम दोनों बातें करने लगे.


मौसी ने मुझसे मेरी सोशल लाइफ के बारे में पूछा कि तेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है या नहीं!


मैंने ना में जवाब दिया. फिर काफ़ी देर बातें करने के बाद हम सोने लगे. हम साथ में सोए हुए थे, तो मौसी मुझे पकड़ कर सो गई थीं. वो बिल्कुल मुझसे चिपकी हुई थीं. मैंने उनकी इस बात को ज्यादा माइंड नहीं किया.


थोड़ी देर बाद मुझे अहसास हुआ, जैसे मौसी मेरे मम्मों को सहला रही हों. मेरे बदन में एक अलग किस्म की बिजली सी कौंध गयी. मुझे मजा आ रहा था तो मैंने उन्हें नहीं रोका.


मेरे विरोध न करने से मौसी की हिम्मत बढ़ गई और अब उनका हाथ मेरी गांड पर आ गया और वो मेरी गांड सहलाने लगीं. सच बताऊं … तो मुझे भी पता नहीं क्यों, इस सब में बड़ा मज़ा आ रहा था.


फिर मौसी बेड से उठीं और बाथरूम में चली गईं. मुझे कुछ समझ में नहीं आया. मैं अभी जागी ही हुई थी कि अचानक से बाथरूम से मौसी की मादक सिसकारियों की आवाज़ आने लगी थी.


मुझे लगा मुझे बाथरूम के नजदीक जाकर देखना चाहिए. मैं धीरे से दबे पांव उठी और बाथरूम के पास आ गयी.


हमारे इस रूम में पूरा अंधेरा था, पर बाथरूम की लाइट जली हुई थी और दरवाज़ा भी हल्का सा खुला हुआ था.


मैंने झिरी से अन्दर झांक कर देखा और एकदम से भौचक्की रह गई. मैंने अन्दर का जो सीन देखा था, वो वास्तव में गर्म कर देने वाला सीन था.


बाथरूम के अन्दर मौसी पूरी नंगी खड़ी थीं … उनकी एक टांग कमोड पर थी. वो एक हाथ से अपने चुचियां दबा रही थीं. मौसी की चूत पूरी नंगी दिख रही थी. वे दूसरे हाथ से अपनी चूत में गोल डंडी वाला टूथब्रश अन्दर बाहर कर रही थीं.


मैं अब तक समझ चुकी थी कि मौसा जी के उनके साथ ना रहने पर वो काफ़ी दिनों से सेक्स की प्यासी रही होंगी, इसलिए वो मास्टरबेट कर रही हैं.


मुझे उन्हें देख कर मज़ा आ रहा था. मुझे अहसास भी नहीं हुआ कि उन्हें देखते देखते कब मेरी उंगलियां भी मेरी पैंटी में चली गईं और मैं भी अपनी चूत में उंगली करने लगी.


मैं इतनी गर्म हो गयी थी कि मैं कुछ ही पलों झड़ गयी और मेरी चूत से पानी छूट गया.

मैंने अपना हाथ अपने पैंटी से ही पौंछा और सोने के लिए बिस्तर पर आ गयी.


मौसी भी कुछ देर बाद बाथरूम की लाइट ऑफ करके बिस्तर पर सोने के लिए आ गईं.


मैंने हल्की सी आंखें खोल कर उनके चेहरे को देखा, तो उनके माथे पर पसीने की बूंदें थीं. वो तौलिया से अपना चेहरा पौंछ कर सोने के लिए आ गयी थीं.


उस रात के बाद से मेरा मौसी को देखने का नज़रिया बदल गया. मैंने पहले भी लेस्बियन पॉर्न सेक्स देखा है, पर यह मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं अपनी मौसी के साथ लेस्बियन सेक्स करूंगी.


अब वक्त आ गया है कि मैं आपको अपनी मौसी के बारे में कुछ बता दूं.


मौसी की उम्र 38 साल है और वो साढ़े पांच फिट की हाइट वाली एक मदमस्त महिला हैं. मेरी मौसी दिखने में भी काफी गोरी हैं. उनका बदन एकदम कसा हुआ और काफी सेक्सी था. मम्मों और गांड के उभार किसी भी मर्द को चुदाई के लिए बौरा सकते थे.

उनकी उठी हुई गांड देख कर मुझे पहली ही सोच में लगा था कि मौसा जी मौसी की चूत घोड़ी बना कर लेते होंगे.


खैर मेरे लिए अब महत्वपूर्ण बात यह थी कि मुझे मौसी को खुश और सॅटिस्फाइड करना था. क्योंकि अब मैं भी उनकी फिगर और मौसी की चूत की दीवानी हो गयी थी. मुझे अब यह सोचना था कि मैं मौसी के साथ कैसे लेस्बियन सेक्स करूं.


अगले दिन मैं नहा धोकर नाश्ता करके मौसी के रूम में ही बैठी हुई थी, तभी मौसी दरवाजा बंद करके मेरे पास आ गईं.


उन्होंने मुझसे कहा- पायल, मेरा एक छोटा सा काम कर देगी क्या?

मैंने कहा- हां मौसी ज़रूर … आप बताओ क्या करना है?

मौसी ने मुझसे कहा- मेरी शेव कर दे.


मैंने सोचा कि उन्हें अपने हाथों और टांगों के बाल शेव करवाने होंगे … पर मामला कुछ और ही था.


उन्होंने अपना हाथ ऊपर किया और बगलों के बालों को शेव करने को कहा.


मैं अन्दर ही अन्दर एग्ज़ाइटेड हो रही थी. मैंने उनकी दोनों बगलों के भूरे बालों को शेव किया और मैं बाथरूम की तरफ हाथ धोने जाने लगी.


मौसी ने मुझसे कहा- रुक जा … अभी काम पूरा नहीं हुआ है.


मैं उनकी तरफ देखने लगी.


फिर वो बेड पर चित लेट गईं और अपनी नाइटी ऊपर करके चूत दिखाते हुए बोलीं- यहां के बाल भी शेव कर दे.


मेरी तो जैसे मानो लॉटरी लग गयी हो. मौसी की चूत पर बहुत छोटे छोटे बाल थे.


मैंने जैसे ही अपनी उंगलियां मौसी की चूत पर रखीं, वो तो जैसे सिहर सी गईं. उन्होंने अपने पर खोलते हुए ऐसे मोड़ लिए जैसे बच्चा पैदा करने वाली हों. इससे मौसी की चूत पूरी खुल गई थी और चूत के अन्दर की लालिमा दिखने लगी थी. मौसी की चूत पर नमी थी. उसी समय मौसी ने मेरे हाथ को अपनी चूत पर रखवाते हुए जैसे दाब लिया.


वो मादक और कामुक सिसकारियां भरने लगीं.


मैंने पूछा- मौसी क्या हुआ?

तो मौसी एकदम से नॉर्मल हो गईं और अपने पैर कुछ और ज्यादा खोल दिए.


अब मैं समझ चुकी थी कि मौसी सेक्स की भूखी हैं. मैंने अच्छे से मौसी की चूत को शेव किया. शेव करते वक़्त मैं जानबूझ कर अपनी उंगलियां मौसी की चूत के छेद में डाल देती थी. अपनी चूत के छेद में मेरी उंगलियों को पाकर मौसी को मानो मज़ा सा आ जाता था.


मौसी की चूत शेव करते वक़्त चूत से पानी भी बाहर आ रहा था, जिससे उनकी चूत गीली हो रही थी. मुझे यह सब देख कर और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था.


कुछ देर बाद मौसी की चूत की झांटें साफ़ हो गईं और वो उठ कर नहाने चली गईं.


मैं दरवाजे के छेद से उन्हें नंगे नहाते देखना चाहती थी. मैं दरवाजे के पास चली गयी.


मैंने जब अन्दर देखा तो मौसी स्टूल पर बैठी हुईं थी और अपनी पैंटी के ऊपर से ही अपनी चूत रगड़ रही थीं और धीरे धीरे बुदबुदा रही थीं- आह पायल चाट ले मेरी चूत को … आंह और जोर से चूस ले … अपनी जीभ मेरी चूत में और अन्दर डाल … आ..आह … ओह … ह्म … आहह … चोद दे साली रांड.


फिर थोड़ी देर बाद मौसी झड़ गईं और वो दीवार के सहारे टिक कर लम्बी लम्बी सांसे लेने लगीं. दो मिनट बाद वो नहाने लगीं.


अब तक मैं समझ चुकी थी कि मेरे लिए मौसी को चोदने का रास्ता बिल्कुल साफ़ है … बस एक पहल की देरी है.


मौसी की चूत की महक बार बार मुझे याद आ रही थी और उनकी चूत का पानी जो निकल रहा था, मुझे उसे पीने का मन कर रहा था.


अगले दिन मेरा एग्जाम था और मैं एग्जाम देने चली गयी. एग्जाम देते वक़्त भी मेरे आंखों के सामने मेरी मौसी की चूत घूम रही थी. मैं अपनी मौसी के साथ सेक्स के तरीके सोच रही थी.


मैं एग्जाम देकर शाम को वापस मौसी के यहां आ गयी थी. मौसी ने मेरे लिए चाय बनाई और पकौड़े भी बनाए थे. हम दोनों रूम में बैठ कर चाय और पकौड़े खा रहे थे.


मैंने अपने मोबाइल पर लेस्बियन पॉर्न की कुछ क्लिप्स डाउनलोड कर ली थीं. अब मैं चाह रही थी कि मौसी भी उसे किसी तरह देख लें ताकि मेरा भी काम आसान हो जाए. मैंने अपने मोबाइल पर लेस्बियन पॉर्न खोल कर पॉज़ कर दिया था और स्क्रीन का लॉक खुला छोड़ दिया था.


मैं लापरवाही जताते हुए उठ कर बाथरूम में चली गयी और जानबूझ कर वहां से मौसी को मैंने आवाज़ लगाई कि मौसी मेरा फोन चार्ज पर लगा दो.


मैं चाहती थी कि मौसी बस किसी तरह मेरे फोन में चलती लेस्बियन पॉर्न क्लिप देख लें.


बस वही हुआ, मौसी ने जब चार्जर की पिन को मोबाइल में खौंसा, तब पॉर्न वीडियो खुल गया और मौसी उसे देखने लगीं.


मौसी की चेहरे पर एक अलग सी चमक आ गई थी. वो ध्यान पूर्वक इस वीडियो को देखने लगीं. मैंने देखा कि मौसी का हाथ उनकी साड़ी के अन्दर चला गया था और वो वहां खड़ी होकर ही अपनी पैंटी के ऊपर से अपनी चूत को रगड़ रही थीं.


मैं यह देख कर खुश हो गयी. अब मेरा मौसी की चूत के साथ सेक्स करने का प्लान कामयाब होता नज़र आ रहा था.लगाई- मौसी ज़रा तौलिया देना प्लीज़.

मौसी ने जल्दी से मोबाइल बंद करके उससे चार्ज में लगा छोड़ा और मुझे तौलिया देने आ गईं.

मैंने मौसी से जानबूझ कर कहा- मौसी आपके पास कोई नाइटी है, तो मुझे दे दो … रात में सूट पहन कर सोने में दिक्कत होती है.

मौसी ने झट से मुझे अपने एक सेक्सी सी नाइटी मुझे पहनने को दे दी.

मैंने देखा कि मौसी अब मुझे बड़े प्यार से देखने लगी थीं … शायद उन्हें अहसास हो गया था कि मैं ही वो लड़की हूँ जो उनकी कामना को पूरी कर सकती हूँ. मैंने भी जानबूझ कर नाइटी के अन्दर पैंटी और ब्रा नहीं पहनी थी ताकि मौसी मेरे करीब आएं, तो जल्दी ही उत्तेजित हो जाएं.

हम दोनों खाना खा कर कम्बल में सोने आ गयी.

उस दिन मौसी ने स्लीवलैस नाइटी पहनी थी, जो काफ़ी ढीली भी थी. इसमें से उनकी बगलों के पास से काफी खुला हुआ था, जिससे जरा से भी आगे पीछे होने में या झुकने में उनके मम्मे साफ़ दिखाई दे रहे थे. मुझे साफ़ समझ आ रहा था कि मौसी ने भी ब्रा नहीं पहनी थी. मैं उनकी सफाचट बगलों को देख कर एग्ज़ाइटेड हो रही थी.

मौसी मेरे साथ कम्बल में आ गईं. अब हम दोनों चुप थे और केवल हमारी सांसों की आवाज़ आ रही थी, जो सामान्य से काफी तेज़ थी और साफ़ सुनाई दे रही थी.

तभी मौसी ने चुप्पी तोड़ी और उन्होंने मुझसे पूछा- पायल तूने कभी सेक्स किया है?
मैंने उनसे कहा- नहीं.

उन्होंने मुझसे पूछा- तू जब एग्ज़ाइटेड होती है … तब क्या मेरी ही तरह चूत में उंगली करके पानी निकाल लेती है और संतुष्ट हो जाती है?
मैंने शर्माते हुए उनसे कहा- हां.
वो हंस पड़ीं.

मैंने उनसे पूछा- क्या आप भी क्या उंगली करती हो … क्या मौसा जी आपको संतुष्ट नहीं करते हैं?
तो उन्होंने कहा- वो करते तो हैं … पर 6 महीने में एक बार घर आते हैं. इस बीच में भी तो सेक्स की भूख लगती है न!

मैंने हां में सर हिला दिया.

फिर उन्होंने मुझसे कहा- मैंने तेरे मोबाइल में वो गंदी वीडियो देखी.
मैंने अंजान बनने का नाटक किया और घबराने का भी.
मौसी ने मुझसे आगे कहा- तू घबरा मत … मैं तेरी फ्रेंड की तरह ही हूँ.

इसके बाद मौसी दूसरी तरफ पलट कर सो गईं. मुझे लगा कि मेरे अरमानों पर जैसे पानी फिर गया हो.
मैं भी उदास होकर दूसरी तरफ घूम कर सो गयी. लेकिन होना वही होता है, जो लिखा होता है.
मौसी थोड़ी देर बाद मेरी तरफ घूम गयी और मेरे शरीर से चिपक गईं.

मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा. मुझे एहसास हुआ, जैसे मौसी पूरी नंगी हो गई थीं … पर उन्होंने खाली पैंटी पहनी हुई थी. उन्होंने न जाने कब अपनी नाइटी उतार दी थी, मुझे मालूम ही नहीं चला था.

अब उन्होंने धीरे धीरे मेरी नाइटी को अपने हाथों से ऊपर किया और मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगीं. मौसी धीरे धीरे मेरी चूत तक आ पहुंची थीं. वो धीरे धीरे मेरी चूत पर उंगलियां फेर रही थीं. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.

फिर मौसी ने मुझसे कहा- पायल जैसा वीडियो में हो रहा था … क्या तू वैसे ही मेरे साथ सेक्स करेगी?

मैं उनकी तरफ मुड़ी और उनके होंठों से अपने होंठ लगा कर पागलों की तरह उन्हें किस करने लगी.
मौसी भी इसमें मेरा भरपूर साथ दे रही थीं.

फिर मौसी ने मेरी नाइटी भी उतार दी और मुझे पूरी नंगी कर दिया.

अब वो मेरी चुचियों को मसलने लगीं और उन्हें बारी बारी से चूसने लगीं. मैं भी मौसी के नंगे बदन को चूम रही थी.

फिर मैंने मौसी को अपने से दूर किया और उनकी पैंटी उतार कर उसे सूंघने लगी. मुझे मस्ती चढ़ने लगी तो मैंने अपना मुँह उनकी बगलों से लगा दिया और उधर की सम्वेदनशील त्वचा को चाटने लगी.

अपनी बगलों में मेरी जीभ को पाकर मौसी भी पागल सी हो रही थीं. वो कामुक वासना से लबरेज सिसकारियां भर रही थीं.

मौसी मुझसे कहने लगीं- पायल आज मेरी चूत को फाड़ दे … मुझे अपनी रांड बना ले साली.

यह सब सुनकर मैं और एग्ज़ाइटेड हो रही थी और उनके चुचों में दांत भी काट रही थी.

मैं भी मौसी की चूचियों को चूसते हुए उन्हें गाली देने लगी- ले साली लंड की भूखी रांड साली … लंड क्यों नहीं ढूंढ लेती कोई … आह बड़ी मस्ती चूचियां हैं.
मौसी भी मस्ती में बड़बड़ाते हुए कह रही थीं- आहन … उन्ग्ग … ओह … और ज़ोर से काट मेरे निपल्स को … आह मुझे मज़ा आ रहा है. मेरी चूत को लंड ही नहीं मिल रहा है. तू अपने ब्वॉयफ्रेंड को ले आ … उसी से चुदवा लूंगी … आह चूस ले.

मैं और ज़ोर से उनके मम्मों के ऊपर बड़े और कड़क हो चुके चूचुकों को अपने दांतों से खींच कर हल्के हल्के से काट रही थी.

मौसी अपने हाथ से मेरे सर को दबाते हुए अपने मम्मों को मानो मेरे मुँह में घुसेड़ देना चाह रही थीं.

मैंने मौसी को लिटा दिया और अपनी जीभ से उनके पूरे जिस्म को चाटने लगी. मौसी भी पूरा मज़ा ले रही थीं.

फिर मौसी ने मुझे लिटा दिया और वो मेरा पूरा बदन चूमने लगीं. मौसी भी शरारत में मेरे बदन पर इधर उधर दांत से काट रही थीं. साथ साथ में वो मुझे गंदी गालियां भी दे रही थीं.

मौसी ने फिर मेरी जांघों पर चूमना शुरू किया और जांघों से चूमते हुए वे मेरी चूत पर आ गईं. मुझे एकदम से सनसनी हुई और मैंने मौसी का सर अपनी चूत पर दबाना चाहा. मगर उन्होंने मुझे पलट दिया और मेरी गांड चाटने लगीं. कसम से मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि पूछो ही मत.

मैंने उनसे चूत चाटने का इशारा किया तो मौसी ने मुझे फिर पलट दिया और मेरी चूत पर अपनी जीभ से हरकत करना शुरू कर दी. वो मेरी चूत को पूरी मस्ती से चाट रही थीं. मेरी टांगें खुद ब खुद फ़ैल गई थीं और मैं अपनी गांड उठा कर अपनी मौसी से अपनी चूत चटवाने का मजा लेने लगी थी.

फिर उन्होंने बेड के ड्रॉयर से डेरी मिल्क को निकाला और उसका एक टुकड़ा मेरी चूत के अन्दर डाल दिया. चॉकलेट का आधे से ज्यादा हिस्सा चूत की फांकों में फंसा था और चूत की गर्मी से पिघलने लगा था. मौसी अपनी जीभ से चॉकलेट को चूसने और चाटने लगीं. मैं इतनी ज्यादा एग्ज़ाइटेड हो गयी थी कि मैं 5 मिनट में ही झड़ गयी.

मौसी ने मेरी चूत से निकला सारा माल चाट चाट कर साफ़ कर दिया.

मैं निढाल हो कर बिस्तर पर लेटी हुई लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी.

उन्होंने मुझसे कहा- पायल तेरा तो हो गया … अब मेरी बारी है.

मैं उनकी चूत के पास अपना मुँह ले गयी. उनकी चूत से गंदी सी महक आ रही थी, पर इस वक्त मुझे वो महक बड़ी मस्त लग रही थी. मैंने अपनी मौसी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.

मैंने अपनी जीभ को नुकीला करके पूरी उनकी चूत की गहराइयों में डालना शुरू कर दी.

वो भी गंदी गंदी गालियां दे रही थीं. मौसी ने मुझसे कहा- तू मुझे मर्द बन कर चोद … मादरचोदी … अपनी चूत मेरी चूत से रगड़ कुतिया … फिर ज्यादा मज़ा आएगा.

मैं मान गयी. मैंने मौसी की एक टांग को उठा कर अपने कंधों पर रखा और अपनी चूत उनकी चूत पर चिपका कर ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी.

मौसी भी इसमें मेरा भरपूर साथ दे रही थीं. कभी मैं मौसी के ऊपर हो जाती थी, कभी मौसी मेरे ऊपर चढ़ जाती थीं.

हम दोंनो एक दूसरे से बेइंतेहा प्यार कर रहे थे. हमारी चूत इतनी गरम हो चुकी थीं … जैसे धड़कती हुई भट्टी हों. हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चोद रहे थे.

तभी मौसी ने मुझे बीच में ही रोका और वो जल्दी से किचन में नंगे ही जाकर एक खीरा ले आईं. कमरे में आकर मौसी ने उस पर एक कंडोम को पूरी तरह चढ़ा दिया और आधा अपनी चूत में डाल लिया. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि आधा तू अपनी चूत में डाल कर मुझे चोद.

मैंने मौसी से कहा कि इतने मोटे खीरे से तो मेरी चूत ही फट जाएगी.
तो मौसी ने कहा- साली लड़कियों की चूत की गहराई इतनी होती है कि वो चूत के अन्दर कुछ भी घुसा सकती हैं. ये तो साला एक मामूली सा खीरा है.

मैंने मौसी की बात मान ली. अब मैं उन्हें खीरे के साथ पेल रही थी. करीब आधे घंटे हम दोनों एक दूसरी को चोदती रही.

फिर मौसी ने मुझसे कहा- पायल, मैं अब झड़ने वाली हूँ.
मैंने मौसी से कहा- मुझे भी आपका माल पीना है.

मौसी ने मुझे झट से अपनी चूत से सटा लिया. मैंने मौसी का झड़ा हुआ सारा माल पी लिया. उनकी चूत का रस काफी नमकीन था … और टेस्टी था.

फिर मौसी ने मुझे किस किया और हम दोनों थके हुए पसीने पसीने बेड पर नंगे ही लेट गए.

मौसी ने मुझसे कहा कि पायल आज मेरी ज़िंदगी का अब तक का सबसे बेस्ट सेक्स हुआ है … इतना मज़ा तो मुझे सुहागरात में भी नहीं आया था.

उस रात मैंने और मौसी ने 3 बार सेक्स किया … फिर हम नंगे ही सो गए.

मौसी ने मुझसे प्रॉमिस लिया कि जब भी हमें चूत में खुजली होगी, हम हमेशा ऐसे ही एक दूसरे साथ सेक्स करेंगे.

मैंने उनको प्रॉमिस दे दिया.

मेरे एग्जाम के दो पेपर और बचे थे. उसे मैंने दे दिए. अभी मेरी 8 दिन की छुट्टी और बची हुई थी. उस दौरान मैंने और मौसी ने एक दूसरे को खूब चोदा. हम दोनों ने तो इतना मस्त लेस्बियन किया था कि कुछ नई पोजीशन्स का भी ईजाद कर दिया था.

कभी हम दोनों बाथरूम में नहाते हुए, कभी किचन में खाना बनाते हुए. कभी डाइनिंग टेबल पर खाना खाते हुए. हम दोनों ने घर का एक कोना भी ऐसा नहीं छोड़ा था, जहां हम दोनों सेक्स ना किया हो.

जब तक मैं मौसी के यहां थी, तब तक हम दोनों बिना ब्रा पैंटी के नाइटी में घूमा करते थे.

फिर मौसी के बेटे यानि मेरे भाई की छुट्टियां हो रही थीं … इसलिए वो आने वाला था. उसके आने से पहले ही मैं वापस अपने घर आ गयी.

फिर भी मैं वीकेंड पर मौसी के यहां चली जाती हूँ और दो दिन में पूरे हफ्ते भर की कसर निकाल लेती हूँ. हमारे इस रिश्ते को डेढ़ साल हो गए हैं. यह अभी तक चालू है. लेकिन पता नहीं कितने दिनों तक ये खेल और चल पाएगा.

आपको मेरी इस मदमस्त कर देने वाली दो चूत की रगड़ाई वाली लेस्बियन सेक्स स्टोरी को लेकर क्या कहना है … और आपको मेरी लेस्बियन सेक्स स्टोरी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल जरूर करें.

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट