प्रिया की चूत के पानी से बुझाई प्यास

दोस्तो, मेरा नाम आर के सिंह है।

मैं यहाँ का नियमित पाठक हूँ, ये मेरे कैरियर की पहली कहानी है, मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी।

मैं अपने बारे में कुछ बताता हूँ, मैं पेशे से एक कंप्यूटर इंजिनियर हूँ, साथ-साथ पार्ट टाइम कॉल-बॉय का भी काम करता हूँ।

आज मैं, मेरे कैरियर की एक कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ।

कुछ दिनों पहले मुझे एक हाट फिमेल का मेल आया।

हाय!!! आई एम प्रिया, एज – 28 फ्रॉम अहमदाबाद, प्लीज़ मुझे अपना मोबाइल नंबर दे दीजिए।

फिर मैंने उसे अपना मोबाइल नंबर मेल कर दिया।

एक घंटे बाद मुझे एक मैसेज आया।

प्रिया – आर यू आर के सिंह?


मैंने रिप्लाई दिया – हाँ बोलिए, प्रिय जी।


प्रिया – मुझे आपके साथ सेक्स करना है।


मैंने रिप्लाई दिया – हाँ जरुर करूँगा, प्रिया जी। आप अपनी मेल आई डी बता दीजिए।


उसने मुझे अपनी मेल आई डी भेजी। फिर मैंने उनसे कहा – प्रिया जी, आपको भी अपना फोटो मेल करना होगा।


उसने मैसेज किया – हाँ, अभी मेल कर देती हूँ।


मैंने उसकी मेल आई डी पर अपने लण्ड का फोटो मेल कर दिया।


थोड़ी देर बाद प्रिया का मेल आया। प्रिया इतनी खुबसूरत थी कि उसका फोटो देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया।


फोटो देखता ही मैंने प्रिया के मोबाइल पर मैसेज किया – प्रिया जी, आप तो बहुत सुन्दर हो। आपकी चुदाई में बहुत मजा आएगा।


सही बताऊँ तो मुझे २२ से ३० साल की औरंतों के साथ चुदाई करने में बहुत मजा आता है।


फिर उसने मैसेज किया – वो तो ठीक है, पहले ये बताओ कि अहमदाबाद कब आ रहे हो।


मैंने जवाब दिया – जब आप बताओ।


१ मिनट बाद उसका कॉल आया – क्या आप फ्राइडे को आ सकते हो?


मैं – हाँ-हाँ आ सकता हूँ।


मैंने पूछा – लेकिन कितने दिनों के लिए?


वो बोली – फ्राइडे से सैटरडे तक और आपका चार्ज कितना होगा?


मैंने कहा – आपकी जो मर्जी होगी दे दीजियेगा।


मैं बोला – ठीक है, प्रिया जी मैं फ्राइडे सुबह की फ्लाइट का टिकट ले लेता हूँ।


वो बोल रही थी – आर के जी मैं २ साल से नहीं चुदी थी काश आप पहले मिल गए होते, अभी से मुझसे नहीं रहा जा रहा है।

उसके मुँह से सी… सी… की आवाज आ रही थी।


मैं बोला – आप के मुँह से सी… सी… क्यों निकल रहा है, कुछ प्रॉब्लम है क्या?


वो बोली – नहीं जी, बस मन नहीं मान रहा है, अंगुली डाल के आपके नाम का पानी निकाल रही हूँ। बस आप जल्दी आ जाओ।


मैं बोला – ठीक है, निकाल लीजिये। बस एक ही दिन की तो बात है। आपको इतना चोदूंगा क़ि आपकी भूख मिट जाएगी।


फिर मैंने फ्राइडे सुबह ८ बजे का टिकट निकल लिया और फ्राइडे को १० बजे अहमदाबाद पहुँच कर प्रिय को कॉल किया कि मैं एअरपोर्ट पर पहुँच गया हूँ, अब कहाँ आना है?


वो बोली – १ मिनट, मैं एड्रेस मैसेज कर रही हूँ। वहाँ से आपको ऑटो रिक्शा मिल जायेगा, वो आपको मेरे घर तक छोड़ देगा।


मैंने उसके दिए एड्रेस पर पहुँच कर फ्लैट के बाहर लगा डोर वेल बजाया।


डीग… डाँग…


रुको, मैं आ रही हूँ। जैसे उन्हें पता था की मैं ही हूँ।


फिर उन्होंने घर का दरवाजा खोला और बोली – आप? आर के सिंह।


मैंने कहा – हाँ, प्रिय जी मैं ही आर के सिंह हूँ।


आप बहुत सुन्दर लग रही हैं, घर में कोई नहीं है क्या?


नहीं, सब आउट ऑफ़ इंडिया रहते है, मैं यहाँ अकेली रहती हूँ।


ओह्ह्ह… मुझे नहीं पता था, चलो अब आपका अकेलापन दूर हो जायेगा।


अकेलापन दूर करने ही तो बुलाया है आपको।

मैंने सीधे उसका बूब पकड़ लिया और मसलने लगा।


उसके बोबे पहले से ही तैयार थे, उसके मुँह से आह… आह… की आवाज आने लगी।


फिर मैं उसे उठा कर बेडरूम में ले गया वो काले कलर की पैंटी पहनी थी, मैंने पैंटी को फाड़ दिया और चूत पर पागलों की तरह चूसने लगा और एकदम से अंगुली डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा।


वो मेरा सिर पकड़ कर चूत पर दबाने लगी। मैं अब और भी जोश में आ गया।


अब उसकी गांड में अंगुली घुसा कर अन्दर-बाहर करने लगा और चूत में जीभ घुसा दी और चोदने लगा।


उसके मुँह से लगातार सी… सी… आह… आह… की आवाज आ रही थी और फ़क मी… सी… सी… आह… आह… फ़क… मी… बोलते जा रही थी।


अब वो बस जाने वाली थी और मेरे मुँह में झड गयी।


उसकी चूत के गरम-गरम नमकीन पानी से मेरी प्यास बुझ गयी।


फिर भी मैं उसकी चूत चाटता रहा। उसका नमकीन पानी लगातार निकल रहा था।


वो इतना नशे में थी कि मानो स्वर्ग में हो।


उसकी चूत में अब मैंने चार अंगुली एक साथ अन्दर डाल दी और उसके मुँह से तेजी से आवाज आने लगी।


फिर भी मैं नहीं रूका, मैं उसका नमकीन पानी बहुत पी चूका था।


अब मैंने अपनी पेंट उतार दी और अपना ८ इंच का लण्ड उसके मुँह में डाल दिया और पेलने लगा।


करीब ५ मिनट तक वो मेरे लण्ड को लाली पॉप की तरह चूसती रही।


फिर वो मुझे उसे अपनी चूत में डालने के लिए बोली।


मैंने बिना कंडोम के ही उसकी चूत में अपना लण्ड घुसा दिया।


मुझे उसकी चूत में हीटर की तरह गर्मी का अहसास हो रहा था। मैंने दोनों हाथों को उसके बूब्स पर जोर-जोर से दबाने लगा।


उसके मुँह से लगातार सी… सी… आह… आह… फ़क… मी… की आवाज आ रही थी।

१५ मिनट में वो ५ बार झड चुकी थी। अब मैं भी जाने वाला था।


मैंने उसे कस के पकड़ लिया, उसने भी मुझे कस के पकड़ लिया। मैंने अपने गरमा गर्म पानी से उसकी चूत को भर दिया और उसे पकड़ कर करीब ५ मिनट तक लेटा रहा।


फिर हमने बाथरूम में जाकर एक साथ नहाया और खाना खाया।


उस दिन मैंने उसे ५ बार चोदा।


फिर दूसरे दिन हमने अलग-अलग आसनों में चुदाई की।


जब मैं जाने लगा तो उसने मुझे १०००० रुपंये दिए।

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